(Pi Bureau)
तकिया लेकर सोने से सेहत को होने वाले नुकसान के बारे में तो आपने कई बार पढ़ा या सुना होगा। लेकिन क्या कभी आपको किसी ने तकिया लेकर न सोने के फायदों के बारे में भी बताया है। जी हां तकिया लेकर सोने से आपको कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है, यह बात ज्यादातर लोगों को पता होती है पर बहुत ही कम लोग जानते हैं कि इसे न लेकर सोने से शरीर को कौन से गजब के फायदे मिलते हैं।
आइए आज इन्हीं फायदों के बारे में जानते हैं।
बिना तकिया लिए सोने के फायदे-
कमर दर्द में आराम-
तकिया लगाकर सोने से रीढ़ की हड्डी की प्राकृतिक स्थिति बदलकर धीरे-धीरे टेढ़ी होने लगती है, जिसकी वजह से कमर में दर्द होता है। वहीं जब हम सिर के नीचे बिना तकिया लगाए सोते हैं, तो गर्दन और रीढ़ की हड्डी सही पोज़ीशन में रहती है, जिसकी वजह से व्यक्ति को कमर दर्द नहीं होता है।
मुहांसों से मुक्ति-
रात को सोते समय कम-से-कम 7-8 घंटे तक चेहरा आपके पिलो के संपर्क में रहता है। ऐसे में तकिए पर जमा धुलमिट्टी चेहरे पर चिपक जाती है, जिससे चेहरे पर मुहांसे हो सकते हैं। यदि तकिए का कवर हर 3 से 4 दिन में नहीं धुलता है तो आपका तकिया मुंह की लार, पसीना और धूल-मिट्टी के कारण बैक्टीरिया के पनपने की जगह बन जाता है। यही वजह है कि सोते समय तकिया मुंह पर लगने से चेहरे पर मुंहासे हो सकते हैं।
सिरदर्द से छुटकारा-
तकिया लगाकर सोने से सिर में रक्त का संचार कम होता है और ऑक्सीजन की सप्लाई अच्छी तरह नहीं हो पाती है, जिसकी वजह से अगली सुबह उठते ही व्यक्ति को सिर में हल्का-हल्का दर्द महसूस होता है। वहीं अगर आप तकिए के बिना सोते हैं तो सिर में रक्त का संचार ठीक होने से सिरदर्द की समस्या नहीं होती है।
दिनभर रहेंगे फ्रेश-
एक्सपर्ट्स की मानें तो 8-10 घंटे की अच्छी नींद व्यक्ति को मेंटली फ्रेश रखती है। जिसकी वजह से वो अगले दिन किसी तरह की कोई थकान महसूस नहीं करता है। लेकिन कई बार तकिया खराब होने या मोटा-पतला होने की वजह से व्यक्ति को अच्छी नींद नहीं आती है। वहीं बिना तकिया लिए सोने से यह समस्या देखने को नहीं मिलती है।
अवसाद और तनाव से छुटकारा-
अच्छी क्वालिटी का तकिया इस्तेमाल न करने पर व्यक्ति को रात भर अच्छी नींद नहीं आती है। जिसकी वजह से वो अगले दिन बेहद चिड़चिड़ापन और तनावग्रस्त महसूस करने लगता है। लेकिन बिना पिलो के आप रात भर आरामदायक तरीके से सो सकते हैं। जिससे अगले दिन आपको तनाव, अवसाद या चिड़चिड़ापन जैसा कुछ महसूस नहीं होगा।