(Pi Bureau)
जब कोई खुशी का मौका होता है या किसी तरह का मनोरंजन होता है तो हम अक्सर ताली बजाकर अपनी खुशी को जाहिर करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ताली बजाना एक बेहतरीन एक्सरसाइज भी है. ताली बजाने से हमारे शरीर के एक्यूप्रेशर पॉइंट दबते हैं.
अगर रोजाना 10 से 15 मिनट ताली बजाई जाए तो इससे शरीर के ऊर्जा चक्र सक्रिय होते हैं और शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक तौर पर भी तमाम समस्याएं दूर होती हैं. इससे शरीर के ब्लड सर्कुलेशन में भी सुधार आता है. व्यक्ति डिप्रेशन जैसी तमाम समस्याओं से बचा रहता है. यहां जानिए ताली बजाने के ढेरों फायदों के बारे में.
ऊर्जा चक्रों को सक्रिय करती है ताली
यदि आप दिन में रोजाना 10 से 15 मिनट ताली बजाते हैं तो इससे आपके शरीर में मौजूद सातों चक्र धीरे धीरे सक्रिय होने लगते हैं. चक्रों का संबंध शरीर में एक आयाम से दूसरे आयाम की ओर गति से है, ऐसे में इनके सक्रिय होने से शरीर में ऊर्जा उत्पन्न होती है. यदि ये चक्र सक्रिय हो जाएं तो व्यक्ति की एकाग्रता और उसके कार्य करने की क्षमता कहीं ज्यादा बढ़ जाती है. इसके कारण जीवन में ऐसे तमाम बदलाव आ सकते हैं, जिनके बारे में आपने कभी कल्पना भी नहीं की होगी.
इन बीमारियों से छुटकारा
रोजाना ताली बजाने से पेट की समस्या, गर्दन और निचले हिस्से में दर्द, किडनी और फेफड़ों की समस्या आदि तमाम परेशानियों से छुटकारा मिलता है. इसके अलावा ये आपके मूड को भी बेहतर बनाती है. रोजाना अगर आप सुबह के समय ताली बजाते हैं तो इसके चमत्कारी लाभ सामने आते हैं.
एक्सट्रा कैलोरी बर्न करती
आपने नोटिस किया होगा कि ताली बजाते समय सिर्फ हाथों की नहीं, बल्कि पूरे शरीर की ऊर्जा खर्च होती है. इसका मतलब है कि ताली बजाकर आप शरीर की एक्सट्रा कैलोरी को भी बर्न कर सकते हैं और अपने मोटापे को बढ़ने से रोक सकते हैं. यदि आप रोजाना एक्सरसाइज नहीं कर पाते तो आपको नियमित रूप से 10 से 15 मिनट ताली बजानी चाहिए.
ब्लड सर्कुलेशन में सुधार
ताली बजाने से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है. ब्लड प्रेशर के रोगियों के लिए ताली बजाना एक बहुत अच्छी एक्सरसाइज माना जाता है. ये व्यक्ति को डिप्रेशन जैसी समस्या से भी बचाती है. इसलिए ताली बजाने की आदत को हर किसी को अपने रुटीन में शामिल करना चाहिए.
इस तरह बजाएं ताली
ताली बजाने के लिए आप पद्मासन या वज्रासन में बैठ जाएं. अब अपनी बाहों को ऊपर उठाएं. आपकी निचली भुजा और उंगलियां छत की ओर होनी चाहिए. इसके बाद अपनी हथेलियों को चौड़ा खोलें और ऊपरी शरीर को सीधा रखें और ताली बजाएं. सामान्य रूप से सांस लेते रहें.