(Pi Bureau)
भारतीय मूल की नीरा टंडन ने एक बार फिर से राष्ट्रपति जो बाइडन का भरोसा जीत लिया है। इस बार उन्हें व्हाइट हाउस में स्टाफ सचिव नियुक्त किया गया है। इस नियुक्ति के बाद उन्हें अहम जिम्मेदारी दी गई है जिसके तहत उनके पास अब राष्ट्रपति बाइडन के सभी दस्तावेजों का नियंत्रण रहेगा। नीरा टंडन इस पद पर आसीन होने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी होंगी। इससे पहले मई माह में नीरा को जो बाइडन का वरिष्ठ सलाहकार नियुक्त किया गया था।व्हाइट हाउस के स्टाफ सचिव पर्दे के पीछे रहकर काम करते हैं लेकिन इनकी भूमिका बेहद ही महत्वपूर्ण होती है। एक अधिकारी ने कहा कि व्हाइट हाउस में स्टाफ सचिव की भूमिका केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के समान है, जो कि निर्णय लेने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाती है और राष्ट्रपति के लिए कई तरह के मुद्दों का प्रबंधन करती है।
वरिष्ठ सलाहकार के पद पर रहेंगी बरकरार
पोलिटिको ने व्हाइट हाउस के एक अधिकारी के हवाले से बताया कि टंडन व्हाइट हाउस के वरिष्ठ सलाहकार के अपने पद को बरकरार रखेंगी, जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति को कई मुद्दों पर सलाह देती हैं। वह व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ रोनाल्ड क्लेन को रिपोर्ट करेंगे।
टंडन के पास दो दशकों से अधिक का अनुभव
टंडन के पास नीति और प्रबंधन में दो दशकों से अधिक का अनुभव है जो कि व्हाइट हाउस में नीति को और मजबूत करने का काम करेगा। घरेलू, आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में उनका अनुभव इस नई भूमिका में एक महत्वपूर्ण संपत्ति होगी। व्हाइट हाउस के स्टाफ सचिव के रूप में टंडन की नियुक्ति आठ महीने बाद हुई जब उन्होंने रिपब्लिकन सीनेटरों के कड़े विरोध के कारण व्हाइट हाउस ऑफिस ऑफ मैनेजमेंट एंड बजट के निदेशक के रूप में अपना नामांकन वापस ले लिया।
इससे पहले भी संभाल चुकी हैं अहम जिम्मेदारी
टंडन अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के कार्यकाल में व्हाइट हाउस में घरेलू नीति की सहायक निदेशक और प्रथम महिला की वरिष्ठ नीति सलाहकार के रूप में अपना करियर शुरू किया था। इसके अलावा टंडन अमेरिका स्वास्थ्य एवं मानव सेवा मंत्रालय में स्वास्थ्य सुधारों की वरिष्ठ सलाहकार रह चुकी हैं। उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में अफोर्डेबल केयर एक्ट के कुछ विशेष प्रावधानों पर कांग्रेस और हितधारकों के साथ मिलकर काम किया था।