(Pi Bureau)
पंजाब सरकार का झगड़ा सुलझने का नाम नहीं ले रहा है. राज्य सरकार के एक और फैसले से सियासी हंगामा खड़ा होता दिख रहा है. दरअसल पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के दामाद को पंजाब सरकार ने एडिशनल एडवोकेट जनरल नियुक्त किया है. राज्य सरकार के इस फैसले पर विपक्षी पार्टियों ने महत्वपूर्ण सरकारी दफ्तरों की नियुक्तियों में भाई भतीजावाद का आरोप लगाया है. राज्य सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक एडवोकेट तरुण वीर सिंह लेहल को राज्य का एडिशनल एडवोकेट जनरल नियुक्त किया गया है. ये नियुक्ति कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर 31 मार्च तक के लिए की गई है. बाद में इस नियुक्ति को वार्षिक आधार पर बढ़ाया जा सकता है.
पंजाब सरकार के फैसले का बचाव करते हुए राज्य के गृहमंत्री रंधावा ने कहा कि लेहल की नियुक्ति वैधानिक है. उन्होंने कहा, ‘ये नियुक्ति पंजाब के एडवोकेट जनरल की सिफारिश पर की गई है. उनका एनरोलमेंट नंबर P-1968/2008 है और उनके पास 12 साल से ज्यादा का प्रैक्टिस अनुभव है. साथ ही हाईकोर्ट में उनके पास 500 से ज्यादा पेंडिंग केस हैं.’ मंत्री ने कहा कि 6 महीने के लिए ये नियुक्ति कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर की गई है और यह कोई स्थायी नौकरी नहीं है.
हालांकि विपक्षी पार्टियों ने कांग्रेस सरकार पर भाई भतीजावाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है. आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने कांग्रेस पार्टी के नौकरी देने के चुनावी वादों पर तंज कसते हुए कहा, ‘ये सिर्फ कांग्रेस नेताओं के रिश्तेदारों पर लागू होता है.’ चड्ढा ने ट्वीट किया, ‘कांग्रेस हर घर नौकरी देने का अपना चुनावी वादा निभा रही है. लेकिन इसमें हल्का सा सुधार है. नौकरी पाने वाले ज्यादातर लोग कांग्रेस के मंत्रियों और विधायकों के परिवारिक सदस्य हैं. नौकरी पाने का ताजा मामला डिप्टी सीएम रंधावा के दामाद का है. चन्नी निश्चित तौर पर कैप्टन की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं. ‘
चड्ढा की तरह ही पंजाब सरकार पर तंज कसते हुए विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा, ‘कांग्रेस वंशवाद को आगे बढ़ाने की अपनी परंपरा और वादे को पूरी तरह से निभा रही है. आम आदमी पार्टी इस मुद्दे को विधानसभा में उठाएगी और सरकार से जवाब मांगेगी.’