(Pi Bureau)
भारत ने कुछ समय पहले ही अफगानिस्तान के लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करने की आवश्यकता पर जोर देने की बात कही थी और पाकिस्तान से इस संबंध में अपील भी की थी. हालांकि, अभी तक पाकिस्तान की तरफ से इस अनुरोध को स्वीकार नहीं किया गया था. अब इस मामले में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का बयान आया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि भारत के पाकिस्तान के मार्ग से अफगानिस्तान गेहूं भेजने के प्रस्ताव पर सरकार विचार करेगी.
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के कार्यालय के ट्वीट में कहा गया, प्रधानमंत्री ने बताया कि पाकिस्तान अफगानिस्तान के भाइयों के अनुरोध पर और मानवीय उद्देश्यों के लिए भारत के पाकिस्तान के जरिए गेहूं पहुंचाने के अनुरोध पर विचार करेगा.
बता दें कि तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी और तालिबान के प्रतिनिधिमंडल के वरिष्ठ सदस्यों के साथ मुलाकात के बाद इमरान खान ने ये बयान जारी किया है. पाकिस्तान के पीएमओ ने अपने बयान में कहा कि इमरान खान ने अफगानिस्तान के लोगों को उनके देश के सामने आने वाली गंभीर चुनौतियों से निपटने के लिए पाकिस्तान के समर्थन की पुष्टि की है.
चीन और तुर्की पहले ही शुरु कर चुका अफगानिस्तान को मदद
गौरतलब है कि भारत ने अक्टूबर के पहले सप्ताह में अफगानिस्तान में 50,000 मीट्रिक टन गेहूं ले जाने वाले ट्रकों की आवाजाही की अनुमति देने के लिए पाकिस्तान से संपर्क साधा था. बदहाल अर्थव्यवस्था और कड़कड़ाती ठंड के मुहाने पर खड़े अफगानिस्तान में खाद्यान्न की जबरदस्त कमी हो चुकी है. चीन और तुर्की जैसे देश पहले ही अफगानिस्तान के लोगों को खाना भेजना शुरु कर चुके हैं. इसके अलावा भारत भी, जिसकी अफगानिस्तान के साथ अच्छे रिश्ते हैं, वो भी अफगानिस्तान को मदद पहुंचाना चाहता है.
अधिकारियों का कहना है कि 50,000 मीट्रिक टन गेहूं को अफगानिस्तान पहुंचाने के लिए 5,000 ट्रकों को पाकिस्तान के रास्ते से गुजरना होगा. पाकिस्तान इस प्रस्ताव पर विचार कर रहा है लेकिन इस मामले में ट्रक और सड़कों की स्थिति पर भी विचार किया जा रहा है. सूत्रों के अनुसार, लॉजिस्टिक्स का इस मामले में सुझाव है कि भारतीय ट्रकों को अनुमति दी जाए वरना वाघा-अटारी सीमा के जीरो पॉइंट पर गेहूं को उतारने और फिर से लोड करने की आवश्यकता होगी.
भारत में हो चुकी है अफगानिस्तान को लेकर महत्वपूर्ण बैठक
बता दें कि पाकिस्तान का ये बयान एक ऐसे समय में आया है जब नई दिल्ली में प्रमुख देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की अफगानिस्तान को लेकर बैठक हो चुकी है. हालांकि इस बैठक में पाकिस्तान और चीन शामिल नहीं हुए थे. तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने इस बैठक को लेकर कहा था कि भारत में होने वाले सम्मेलन के संबंध में बात करूं तो मैं उम्मीद करता हूं कि अफगानिस्तान की सुरक्षा पर ध्यान दिया जाएगा. भारत इस क्षेत्र में एक अहम देश है और हम उनके साथ अच्छे राजनयिक संबंध चाहते हैं. तालिबान की नीति है कि अफगानिस्तान की धरती किसी देश के खिलाफ इस्तेमाल ना की जाए. हम आपसी सहयोग चाहते हैं.