(Pi Bureau)
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग दुनिया का सबसे शक्तिशाली नेता कहलाने के लिए धीरे-धीरे पटकथा लिखते जा रहे हैं। एक पहले से तय स्क्रिप्ट के तहत उन्होंने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के केंद्रीय अधिवेशन में खुद के तीसरे कार्यकाल का रास्ता तो साफ ही किया साथ ही उन्होंने खुद को कोर कमांडर भी घोषित कर लिया है।
चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी के इतिहास में ऐसा तीसरे बार है, जब किसी नेता को कोर कमांडर बनाया गया हो। इससे पहले यह उपाधि 1945 में माओ त्सेतुंग और 1981 में देंग श्याओपिंग को दी गई थी। अब शी जिनपिंग को यह उपाधि मिलता सिर्फ चीन ही नहीं दुनिया के सामने उनकी ताकत को और बढ़ाता है।
चीन में शी जिनपिंग की बढ़ती ताकत दुनिया के लिए भी खतरा साबित हो सकती है। क्योंकि, जब से शी जिनपिंग चीन की सत्ता पर काबिज हुए हैं, उसकी रणनीति आक्रामक हो गई है। अपनी विस्तारवादी नीति के कारण चीन अन्य देशों के लिए खतरा भी बनता जा रहा है। संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए भी यह संकेत अच्छे नहीं हैं क्योंकि चीन शुरु से ही अमेरिका के प्रति अपने रुख को आक्रामक रखे हुए है।
जिनपिंग का बढ़ता कद दुनिया के साथ ही साथ पड़ोसी देश ताइवान के लिए भी बड़ा खतरा बन गया है। पिछले दिनों चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी विस्तारवादी नीति के तहत ताइवान को किसी भी सूरत में चीन में मिलाने की घोषणा की थी। इसके लिए उन्होंने अमेरिका जैसे दुनिया के शक्तिशाली देशों को भी चेतावनी दे डाली थी। ऐसे में शी जिनपिंग का बढ़ता कद दुनिया के लिए बड़ा खतरा बन गया है। पिछले महीने चीन के कई लड़ाकू विमानों ने ताइवान के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की थी।