(Pi Bureau)
इजरायल और ईरान के बीच एक बार फिर से तनाव बढ़ता जा रहा है। इजरायल ने कहा है कि ईरान लड़ाकू ड्रोन के जरिए समुद्री हमलों को अंजाम देने की तैयारी में था। कहा है कि ईरान ने दो ठिकानों का इस्तेमाल रिमोट-नियंत्रित विमानों के साथ समुद्री हमलों को अंजाम देने के लिए किया था। बाद में मामला बढ़ने के हालात में जवाबी उपायों के तौर पर अरब भागीदारों के साथ सहयोग करने की पेशकश की गई थी। बता दें ऐसे ड्रोन को लेकर इजरायल के साथ ही खाड़ी के अरब देश भी चिंतित रहते हैं लेकिन तेहरान लगातार इस तरह के आरोपों से इनकार करता रहा है।
इजरायली रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज ने बताया है कि दक्षिण ईरान के चाबहार और केशम द्वीप के क्षेत्र में दो केंद्रीय ठिकानों से समुद्री क्षेत्र में ऑपरेशन शुरू किए गए थे। यहां एडवांसड हमले वाले ड्रोन तैनात किए गए किए गए हैं। ये आज भी तैनात हैं।
इजरायली वायु सेना के प्रमुख ने ड्रोन हमले के खिलाफ अरब पार्टनर्स के साथ काम करने का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन का उदाहरण देते हुए यह बात कही है।
रीचमैन यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित सम्मेलन में मेजर-जनरल एमिकम नॉर्किन ने कहा है कि मुझे लगता है कि उन सभी देशों के लिए संपर्क और डिफेंस प्लान बनाने का एक शानदार अवसर है, जिनकी डिफेंस को लेकर समान रुचि है। उन्होंने आगे कहा है कि हम खुफिया, इंटेलिजेंस और इंटरशेप्सन में महत्वपूर्ण मदद कर सकते हैं।