अखिलेश के खिलाफ मुलायाम का बड़ा बयान

शाश्वत तिवारी

लखनऊ/ मैनपुरी: समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह के दिल की दर्द शनिवार को मैनपुरी के एक कार्यकर्ता सम्मलेन कार्यक्रम में छलक पड़ा । मुलायम के इस बयान को पुत्र अखिलेश यादव के खिलाफ एक बड़ा बयान माना जा रहा है । मुलायम ने कहा कि जो बाप का ना हो सका, वो किसी का नहीं हो सकेगा । मुलायम सिंह यादव ने भारतीय राजनीति का उदाहरण देते हुए कहा कि किसी भी बाप ने अपने रहते हुए अपने बेटे को मुख्यमंत्री नहीं बनाया लेकिन मैंने ऐसा किया पर बेटे ने मेरा अपमान किया ।
उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में करारी हार के बाद समाजवादी पार्टी के संरक्षक और संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने अपने बेटे और पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव पर बड़ा हमला बोला है। मैनपुरी में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मुलायम सिंह यादव ने कहा कि उनका इतना अपमान कभी नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि मैंने अखिलेश को मुख्यमंत्री बनाया लेकिन उसने मेरी भी नहीं सुनी। मुलायम ने भारतीय राजनीति का उदाहरण देते हुए कहा कि किसी भी बाप ने अपने रहते हुए अपने बेटे को मुख्यमंत्री नहीं बनाया लेकिन मैंने ऐसा किया। उन्होंने छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव की भी बेइज्जती की बात करते हुए कहा, बताओ, अपने चाचा को ही मंत्री पद से हटा दिया।
बतातें चलें कि यूपी विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण से पहले मुलायम सिंह यादव की पत्नी साधना गुप्ता ने भी समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में आरोप लगया था कि उनके पति मुलायम सिंह यादव का अपमान किया गया है। साधना गुप्ता ने यह भी कहा था कि उन्होंने कभी भी अखिलेश और प्रतीक को अलग नहीं समझा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि अखिलेश किसी और के इशारे पर परिवार के खिलाफ काम कर रहे हैं।
> दरअसल, यूपी चुनाव से पहले अखिलेश ने पार्टी के अंदर तख्ता पलट करते हुए लखनऊ में एक विशेष राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया और उसमें खुद को पार्टी अध्यक्ष घोषित कर लिया था और पिता मुलायम सिंह यादव को पार्टी का संरक्षक घोषित कराया था। चाचा शिवपाल सिंह यादव को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया था। इसके अलावा अमर सिंह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। इस तख्ता पलट से पहले करीब दो महीने तक पार्टी और परिवार में भी संघर्ष चलता रहा था।
कई सपा नेता कहते रहे हैं कि चुनाव से पहले अखिलेश द्वारा मुलायम को साइड लाइन किए जाने से पार्टी को चुनावों में हार का मुंह देखना पड़ा। जब अखिलेश ने पार्टी प्रमुख का पदभार संभाला तो उन्होंने यह भी कहा था कि अपने पिता के लिए उनके मन में बहुत सम्मान है लेकिन चुनावी नतीजे के दो हफ्ते बाद भी इस बारे में दोनों के बीच कोई बातचीत नहीं हो पाई है। हालांकि, चुनावों में हार के बाद मुलायम सिंह ने कहा था कि इसके लिए अखिलेश यादव दोषी नहीं हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में मुलायम सिंह अखिलेश यादव का हाथ पकड़े मंच पर पहुंचे थे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मंच पर ही कान में फुसफुसाते नजर आए थे।

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