जैसे-जैसे स्मार्टफोन में एडवांस स्पेसिफिकेशन बेहतर होते जा रहे हैं लोगो की चिंता इसकी बैटरी लाइफ को बढ़ती जा रही है. स्मार्टफोन डिस्प्ले बैटरी पावर की बहुत ज्यादा खपत करता है और हल्की थीम से देर तक बैटरी बनी रहती है. यही वजह है कि डार्क मोड लोकप्रिय हो रहा है. लेकिन गूगल ने कई वर्षों तक अपनी मटेरियल थीम में सफेद कलर पर जोर दिया. लेकिन अब गूगल ने एक चौंकाने वाली रिपोर्ट दी है.
गूगल ने आखिरकार पुष्टि कर दी है कि एंड्रायड फोन्स को डार्क मोड में रखने पर कम ऊर्जा खर्च होती है और बैटरी लाइफ बचती है. स्लैग गीयर की रिपोर्ट में गुरुवार देर रात बताया गया, “गूगल ने थोड़ी जानकारी का खुलासा किया है कि किस प्रकार आपका फोन बैटरी की खपत करता है. उन्होंने इसका खुलासा इस हफ्ते हुए एंड्रायड डेव समित में किया और डेवलपरों को बताया कि वे बैटरी की अधिक खपत रोकने के लिए अपने ऐप्स में क्या कर सकते हैं.”
रिपोर्ट में आगे कहा गया है, “बैटरी की खपत करनेवाला सबसे बड़ा कारक स्क्रीन की ब्राइटनेस है, और स्क्रीन का कलर भी है.” डार्क मोड कुल मिलाकर ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस) या एप्लिकेशनों के कलर को बदलकर ब्लैक कर देता है. इंटरनेट दिग्गज ने प्रजेन्टेशन में दिखाया कि किस प्रकार से डार्क मोड फुल ब्राइटनेस स्तर पर ‘सामान्य मोड’ की तुलना में 43 फीसदी कम बैटरी की खपत करता है, जबकि पारंपरिक रूप से बहुत ज्यादा व्हाइट का इस्तेमाल किया जा रहा है. तकनीकी दिग्गज ने इस दौरान खुद की भी गलती मानी कि वह एप डेवलपरों को अपने एप्लिकेशनों के लिए व्हाइट कलर के इस्तेमाल को प्रोत्साहित कर रहा था, जिसमें से खुद गूगल के ऐप्स भी शामिल थे.