Facebook ने भी अपने कर्मियों की यौन उत्पीड़न की शिकायतों से जुड़े नियमों में किए अहम बदलाव

दुनिया की अग्रणी सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक ने शनिवार को कहा कि यौन उत्पीड़न के मामलों में अब उसके कर्मियों को मध्यस्थता के जरिए मामला सुलझाने की जरूरत नहीं होगी. फेसबुक से पहले दिग्गज कंपनी गूगल भी यह ऐलान कर चुकी है. फेसबुक की ओर से कार्यस्थल से जुड़े नियमों में किए गए इस बदलाव से अब कंपनी के कर्मी यौन उत्पीड़न के मामलों की शिकायत सीधा अदालत में कर सकते हैं.

फेसबुक के कॉरपोरेट मीडिया संबंध निदेशक एंथनी हैरिसन ने बताया, “आज हम अपनी नई कार्यस्थल संबंध नीति प्रकाशित कर रहे हैं और मध्यस्थता से जुड़े समझौतों में संशोधन कर रहे हैं ताकि यौन उत्पीड़न के मामलों में मध्यस्थता कर्मियों के लिए अनिवार्य शर्त न होकर महज एक विकल्प रहे.” उन्होंने कहा, “हम यौन उत्पीड़न के मामलों को बहुत गंभीरता से लेते हैं और फेसबुक में इसके लिए कोई जगह नहीं है.”  

फेसबुक ने कंपनी के एक कर्मी के किसी दूसरे कर्मी से प्रेम संबंधों को लेकर भी नीति में बदलाव किया है. अब निदेशक स्तर या इससे वरिष्ठ स्तर के अधिकारियों को मानव संसाधन विभाग को बताना पड़ेगा कि वे कंपनी के किसी अन्य कर्मी से इश्क लड़ा रहे हैं. दिग्गज कंपनी गूगल ने भी कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की शिकायतों से जुड़े नियमों में गुरुवार को कुछ बदलाव किए थे. 

गूगल ने बदली पॉलिसी 
गूगल ने यौन दुर्व्यवहार के मामलों से निपटने में ज्यादा सख्ती और खुलापन दिखाने का वादा किया है. कंपनी की पुरुष वर्चस्व वाली संस्कृति के खिलाफ इसके हजारों कर्मियों द्वारा पिछले हफ्ते किए गए प्रदर्शन के बाद यह वादा किया गया है. गूगल ने प्रदर्शनकारी कर्मियों की यह प्रमुख मांग मान ली है कि यौन दुर्व्यवहार के सभी मामलों में अनिवार्य मध्यस्थता की शर्त हटाई जाए. यह नियम अब ऐच्छिक होगा ताकि शिकायतकर्ता कर्मी खुद ही इस बात का फैसला कर सके कि उसे मामला अदालत में ले जाना है या अपने मामले को कंपनी की जूरी के समक्ष रखना है. महिलाकर्मियों द्वारा की गई शिकायत के बाद कैब सेवा प्रदाता उबर कंपनी ने भी कुछ ऐसे ही बदलाव किए थे. कंपनी की आंतरिक जांच में पता चला कि उसके कई कर्मी यौन उत्पीड़न के शिकार हुए हैं. 

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