इनकम टैक्स विवादों का निपटारा करने वाली आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) की बेंच ने हाल ही में बॉलीवुड एक्ट्रेस और मॉडल सुष्मिता सेनको बड़ी राहत दी है. एक आदेश के अनुसार अब सुष्मिता को यौन उत्पीड़न की शिकायत के बदले एक मिले सेटलमेंट अमाउंट पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. सुष्मिता सेन ने कोका कोला कंपनी के एक कार्मचारी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. इस मामले के सेटलमेंट मुआवजे के रूप में 2003-04 के दौरान सुष्मिता को 95 लाख रुपये मिले थे. सुष्मिता ने इस पर टैक्स देने को लेकर विवाद हुआ और मामला आईटीएटी के पास गया, जहां पर ट्रिब्यूनल ने सुष्मिता के पक्ष में फैसला सुनाया.
आईटीएटी ने 14 नवंबर को अपने आदेश में कहा था कि इनकम टैक्स कमाई पर लगता है और सुष्मिता सेन को मिला पैसा उनकी कमाई नहीं है बल्कि CAPITAL RECEIPT है.
क्या है पूरा मामला
सुष्मिता ने कोका कोला इंडिया के साथ उनके प्रोडक्ट्स का प्रचार-प्रसार करने के लिए 1.45 करोड़ रुपए का कमर्शियल कॉन्ट्रैक्ट किया था. मगर इस अनुबंध को कंपनी ने समय के पहले ही खत्म कर दिया था. इसको लेकर एक्ट्रेस का विवाद हुआ. सुष्मिता का आरोप था कि इस कॉन्ट्रैक्ट को खत्म करने का मतलब उन्हें सजा देना था, क्योंकि उन्होंने कंपनी के एक कर्मचारी पर यौन शोषण का आरोप लगाया था. पूर्व मिस यूनिवर्स ने कोका-कोला और उनके अमेरिकी पार्टनरों को यौन उत्पीड़न के सभी परिणामों के लिए जिम्मेदार ठहराया था. इसके बाद उनके और कंपनी के बीच एक समझौता हुआ.
सुष्मिता और कंपनी के बीच समय से पहले यह कॉन्ट्रैक्ट खत्म करने के मामले में सुष्मिता को कोका-कोला इंडिया से 50 लाख रुपये की राशि मिली थी. इस पूरे मामले में समझौते की शर्तों के तहत उन्हें 1.45 करोड़ रुपये मिले, जिनमें से उन्होंने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में 50 लाख रुपये की पेशकश की थी. उन्होंने कहा था कि 95 लाख रुपये का शेष मुआवजे की प्रकृति में था, जो कर योग्य नहीं था.