(Pi Bureau)
बरेली, 17 जुलाई। उत्तर प्रदेश में पहला चिकिन प्रोसिसिंग यूनिट बरेली में खुलेगा। इस यूनिट में एक घंटे में 2000 हजार मुर्गे कटेंगे। मुर्गे को हलाल करने के बाद उसके काटने की पूरी प्रक्रिया आटोमेटिक होगी। बरेली में यूनिट से प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रुप से 5 से आठ हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। चिकिन प्रोसिसिंग यूनिट का 90 प्रतिशत चिकिन विदेश जायेगा। 10 प्रतिशत भारत के बाजार में बिकेगा। मारिया फ्रोजन एग्रो फूड लि मात्र दो महीने में चिकिन प्रोसिसिंग यूनिट बरेली में उत्पादन शुरु कर देगीं .
यह जानकारी मारिया फ्रोजन एग्रो फूड लि के चेयरमैन हाजी शकील कुरैशी ने दी हैं हाजी शकील कुरैशी ने बताया कि चिकिन प्रोसिसिंग यूनिट मारिया फ्रोजन एग्रो फूड लि लगा रहा है। चिकिन प्रोसिसिंग यूनिट पूरी तरह आटोमेटिक होगी, उसमें तैयार चिकिन पूरी तरह हाईजेनिक होगा। हाई टैक चिकिन प्रोसिसिंग यूनिट उत्तर प्रदेश में पहला होगां अभी तक उत्तर प्रदेश में हाथ से ही मुर्गा काटा जाता है। प्रोसिसिंग यूनिट की पूरी मशीनें फ्रांस से आ रही है। चिकिन प्रोसिसिंग की दुनियां में सबसे हाई टेक मशीन फ्रांस में तैयार हो रही हैं। उन्होने बताया कि दुनियां की सबसे बडी मीट की मंडी वियतनाम है। बरेली का चिकिन वियतनाम जायेगा। वियतनाम चिकिन भेजे जाने की मार्केटिंग शुरु हो गयी है। वाया वियतनाम अन्य देशों में चिकिन जायेगा। उन्होने यह भी बताया कि 100 प्रतिशत मुर्गे के पंख, पंजे और चोंच की मीट के अलावा विदेशों को सप्लाई होगी। भारत में पंख, पंजे और चोंच का खरीददार नही है।
मीट से जुडे व्यवसायियों के बीच श्री कुरैशी ने बताया कि अभी उत्तर प्रदेश में चिकिन का काम पूरी तरह हाथ से होता है। जो पूरी तरह गैर हाईजेनिक है। व्यवसायियों से कहा कि जब मीट बेचने के लिए हाई टेक शोरुम तैयार हो रहे हैं तो हाईजेनिक मीट बेचने में क्या हर्ज है। उन्होने बताया कि आधुनिक स्लाटर से निकला मीट खाने वाले बीमार कम हो रहे है। पिछले तीन महीने में उत्तर प्रदेश में गैस्ट्रो और स्किन के मरीज कम हो गए हैं। आईवीआरआई के निदेशक डा आर के सिंह ने बताया कि आधुनिक स्लाटर हाउस में जानवर या मुर्गे के काटने का काम जमीन पर नहीं होता है, पूरी प्रक्रिया हुक पर होती हैं , इस लिए मीट के पूरी तरह हाईजेनिक होने की संभावना होगी है। क्यों कि अब तो आधुनिक स्लाटर हाउस में काम करने वाला पूरा स्टाफ डिस्पोजल ड्रेस पहनता है, और ज बवह काम खत्म कर के घर जाता है तो ड्रेा डस्टविन में डाल कर जाता है।
मीट से जुडे व्यवसायियों की शंकाओं का समाधन करते हाजी शकील ने बताया कि इस यूनिट में एक घंटे में 2000 हजार मुर्गे कटंेगे। देश में मुर्गो की भरपूर फार्मिंग हो रही है। बरेली में चिकिन प्रोसिसिंग यूनिट के शुरु होते ही बरेली और उसके आसपास मुर्गो की फार्मिंग होने लगेगी। क्यों कि जब नजदीक में खरीदार होगा तो फार्मिग करने के बहुत लोग निकल कर सामने आ जायेंगें । क्यों कि मुर्गे की लेयर र्फािर्मंग मात्र 40 दिन में तैयार होेती हैं । श्री कुरैशी ने इंटरनेशनल स्टैप्डर्ड के उन पैकिटो का भी डेमू दिखाया जिनमें भारत और भारत के बाहर चिकिन सप्लाई होगा।