(Pi Bureau)
कादर खान ने अपनी शानदार अभिनय शैली से कई दशकों तक लोगों का मनोरंजन किया. अपने शुरुआती समय में उन्होंने कई सारी फिल्मों में निगेटिव रोल किए. इसके बाद उन्होंने कॉमेडी में हाथ आजमाया. दोनों की तरह के रोल्स में कादर खान को पसंद किया गया. पिछले कुछ समय से ये अफवाहें चल रही थीं कि कादर खान फिल्मों में वापसी करने जा रहे हैं. मगर साल 2018 का आखरी दिन कादर खान के जीवन का भी आखरी दिन साबित हुआ. 31 दिसंबर, 2018 को उनका निधन हो गया.
कादर खान का जन्म 22 अक्टूबर, 1937 को अफ्गानिस्तान के काबुल में हुआ था. उनके जन्मदिन पर बता रहे हैं उनके बचपन से जुड़ा एक किस्सा जिसे उन्होंने फिल्म मुकद्दर का सिकंदर में फिल्माया भी.
कादर खान से जुड़ा एक दिलचस्प वाकया है कि वो बचपन में रात के वक्त कब्रिस्तान जाया करते थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक कादर खान मुंबई में अपने घर के पास वाले कब्रिस्तान में रियाज कर रहे थे. एक रोज कादर खान का रियाज जारी था कि तभी टॉर्च की रोशनी उनके चेहरे पर पड़ी. टॉर्च जलाने वाले इंसान ने कादर खान से पूछा कि तुम यहां क्या कर रहे हो?
कादर खान ने सीधा जवाब दिया, “रियाज कर रहा हूं. मैं दिन में जो भी अच्छा पढ़ता हूं, रात में यहां आकर उसका रियाज करता हूं.” कादर खान से सवाल करने वाले शख्स थे अशरफ खान. अशरफ खान, कादर खान से प्रभावित हुए और उनसे पूछा. “नाटक में काम क्यों नहीं करते हैं. काम करोगे? और इस तरह कादर खान के नाटक में काम करने का सफर शुरू हुआ.
फिल्म में इस इंसिडेंट को फिल्माया
कादर खान ने जब 1977 में मुकद्दर का सिकंदर लिखी तो इसमें एक अहम सीन है. जब बच्चा कब्रिस्तान में जाकर रोता है. वहां एक फकीर से उसकी मुलाकात होती है. इस सीन को कादर खान ने अपनी असल जिंदगी से ही लिया था. खुद उन्होंने एक इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया था.