Pi health: क्या आप जानते हैं सोने के 3 तरीकों से कम होता है इन बीमारियों का खतरा

(Pi Bureau)

हर डॉक्टर नींद के विषय में एक बात से जरूर सहमत होते हैं। दिन में 8 घंटे की नींद स्वस्थ जीवन के लिए बेहद जरुरी है। लेकिन आरामदायक नींद के लिए सही अवस्था में सोना भी आवश्यक है। विशेषज्ञों के अनुसार, सोते वक्त कमर और शरीर के बाकी अंग सही अवस्था में नहीं होते, तब नस दबने, हड्डी खिसकने, स्लिप डिस्क, दर्द और भी कई दिक्कतें होने की आशंका रहती है। जानें आपको कैसे सोना चाहिए।

पेट के बल सोना
काफी लोग पेट के बल सोना पसंद करते हैं, खासकर बच्चे। हालांकि पेट के बल सोने की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि इससे रीढ़ के नैचुरल कर्व को कोई सपोर्ट नहीं मिलता है। साथ ही इससे जोड़ों, मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है और गर्दन-पीठ का दर्द बढ़ सकता है। बता दें कि, पेट के बल सोने वाले लोगों को खर्राटे उनकी तुलना में कम आते हैं, जो पीठ के बल सोते हैं।

करवट लेकर सोना
विशेषज्ञों के मुताबिक करवट लेकर सोने का तरीका सेहत के लिहाज से बेहतर होता है। एक स्टडी के मुताबिक करवट लेकर सोने से अल्जाइमर और पार्किंसन्स जैसी न्यूरोलॉजिकल बीमारियां होने का खतरा भी घट सकता है।

प्रेग्नेंट महिलाओं को खासकर करवट लेकर सोने की सलाह दी जाती है। अमेरिकन प्रेग्नेंसी एसोसिएशन, प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को बाईं करवट लेकर सोने की सलाह देता है।

पीठ के बल
पीठ के बल सोते समय आपकी बॉडी के नैचुरल कर्व को गद्दे से सपोर्ट मिलता है। आपके वजन का बल पूरे शरीर पर एक समान पड़ता है और सिर, गर्दन, रीढ़ की हड्डी एक सीध में रहते हैं। लेकिन पीठ के बल सोते वक्त इस बात का खास ख्याल रखें कि आपके रीढ़ का नैचुरल कर्व डिस्टर्ब न हो। कोशिश करें कि आप बिना तकिया लगाए सोएं या घुटनों के नीचे तकिए का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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