(Pi Bureau)
आजकल की लाइफस्टाइल के चलते लोग तरह-तरह की बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। जिनमें प्रमुख है हाइपरटेंशन। गलत खानपान के चलते व गलत आदतों के कारण हाइपरटेंशन की समस्या लोगों को होने लगती है। लोगों में हाइपरटेंशन के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए हर साल 17 मई को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मनाया जाता है। साथ ही उन्हें बताया जाता है कि इस खतरनाक बीमारी से कैसे बचाव किया जा सकता है।
क्या है हाइपरटेंशन
हाइपरटेंशन एक ऐसी बीमारी है जिसमें धीरे-धीरे आपका हार्ट, किडनी व शरीर के दूसरे अंग काम करना बंद कर सकते हैं। हाइपरटेंशन एक साइलेंट किलर है। हाइपरटेंशन कई कारणों से होता है, जिनमें से कुछ कारण शारीरिक और कुछ मानसिक होते हैं। हाइपरटेंशन में रक्तचाप 140 के पार पहुंच जाता है।
वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे पहली बार साल 2005 में 14 मई को वर्ल्ड हाइपरटेंशन लीग द्वारा मनाया गया था। वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे 2019 की थीम “Know Your Numbers” रखी गई है। हाई ब्लड प्रेशर के प्रति लोगों को जागरुक करने का लक्ष्य है।
हाइपरटेंशन के कारण
देर रात को भोजन करना, स्मार्टफोन पर लंबे वक्त तक समय बिताना, शारीरिक व्यायाम ना करने के चलते हाइपरटेंशन की समस्या होने लगती है। इसके अलावा स्ट्रेस, गलत खानपान और आधुनिक जीवनशैली के कारण हाइपरटेंशन हो सकता है।
हाइपरटेंशन के लक्षण
हाइपरटेंशन में चक्कर आना, धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ जाना, सिर दर्द की शिकायत शुरू होती है। ये सब हाइपरटेंशन के लक्षण हैं। इसके अलावा बेचैनी, थकान, अनिंद्रा, गुस्सा आना शुरू हो जाता है। हाइपरटेंशन के कारण व्यक्ति शारीरिक एवं मानसिक रूप से परेशान हो जाता है।