(Pi Bureau)
ऑफिस से लौटकर थकान होना एक आम बात है। कंप्यूटर के सामने कुर्सी पर एक ही पोजिशन में बैठे रहने से पीठ, कमर और कंधे के दर्द और गर्दन की अकड़न-जकड़न से किसका पीछा छूटा है। रात को सोते समय ये सारी चीजें ज्यादा परेशान करती हैं, लेकिन रात को सोते समय एक और समस्या सामने आती है और वह है पैर दर्द करने की। दरअसल, कई लोगों के रात को सोते समय पैर दुखते हैं। इसकी कई वजहें हो सकती हैं। कई बार यह किसी गंभीर बीमारी के लक्षण भी हो सकते हैं।
कई बार पैरों में दर्द पेरिफेरल न्यूरोपैथी की वजह से भी हो सकता है। यह नसों से संबंधित विकार होता है जिसके कारण हाथ पैरों में दर्द होता है। कई बार घंटों खड़े रहना भी पैर दर्द की वजह होती है। हालांकि पेरिफेरल न्यूरोपैथी में पैरों और पैरों की उंगलियों में दर्द या सुन्नपन बना रहता है। इसके लक्षण रात को सोते समय और अक्सर सुबह भी दिखाई देते हैं।
कई बार शुगर की बीमारी, विटामिंस की कमी, विशेष रूप से विटामिन डी की कमी, थॉयराइड, किडनी संबंधित बीमारी के लक्षण भी हो सकते हैं। यदि पैर लगातार दर्द कर रहे हैं तो आपको अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लेना चाहिए। मोर्टोंस न्यूरोमा की वजह से भी कई लोगों के पैर दर्द करते हैं। इस बीमारी में पैरों की उंगलियों तक पहुंचने वाली नसों के ऊतक मोटे हो जाते हैं। इसे इंटरडिजिटल न्यूरोमा भी कहा जाता है।
यह पैर की तीसरी और चौथी उंगली की हड्डियों पर दबाव पड़ने की वजह से होता है। इससे नस में सूजन, ऐंठन, सुन्नता, जलन या झुनझुनी होती है। रात के समय दर्द और ऐंठन बढ़ता और अक्सर पैर दर्द की शिकायत सामने आती है। कई बार ज्यादा टाइट जूते पहनने से भी ये समस्या बढ़ सकती है। कई बार नसों पर अतिरिक्त दबाव पड़ने से भी पैरों में दर्द की समस्या हो सकती है। ये दबाव ऊंची हील की सैंडिल और टाइट जूते पहनने से हो सकता है।
कई बार रेस्टलेस लेग सिंड्रोम भी पैरों में दर्द की वजह होता है। इस सिंड्रोम में कई लोग रात को बिस्तर पर लेटते ही पैर हिलाने लगते हैं इससे झुंझुनी, दर्द और पैरों में झटके भी लगते हैं। यदि आप इस तरह की किसी समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लेना चाहिए। कई बार पैरों में लगातार दर्द बने रहना किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है।