Pi Health:: क्या आपको भी मौसम के बदलाव से हो जाता हैं सर्दी जुकाम, तो अपनाएं ये जबरदस्त नुस्खा !!!

(Pi Bureau)

आजकल बहुत सारे लोगों को धूल, मिट्टी से संक्रमण या फिर मौसम के जरा सा बदलाव से सर्दी, जुकाम जैसी परेशानियां घेर लेती हैं। परिणामस्वरुप खांसी, छींक, नाक बंद होने और आखों में जलन होने की शिकायत हो जाती है। इस तरह की समस्या में योग क्रिया पर आधारित नाक शोधन की क्रिया “जलनेति” बड़ी ही कारगर है। जलनेति की प्रक्रिया के द्वारा नाक संबंधी समस्या से राहत मिलती है। जलनेति क्रिया के माध्यम से नाक के अंदर तक सफाई होती है जिसकी वजह से सर्दी-जुकाम से होने वाले सारे लक्षणों में आराम मिल जाता है। इस प्रक्रिया के लिए नमकीन गुनगुने पानी को नाक के एक छिद्र से अंदर डालकर दूसरे छिद्र से निकाला जाता है। जलनेति को किसी भी समय किया जा सकता है। अगर किसी व्यक्ति को जुकाम हो गया हो तो ये क्रिया कई बार की जा सकती है।

जलनेति को करने की विधि
सबसे पहले आधा लीटर गुनगना पानी लेकर उसमें आधा चम्मच नमक मिलाएं। नेति के विशेष बर्तन में इस पानी को भर लें। जलनेति शुरु करने से पहले कागासन की अवस्था में बैठ जाएं। दोनों पैरों के बीच में दो फीट की दूरी रखते हुए आगे की ओर झुकें। उस समय जिस नाक के छिद्र से सांस चल रही हो उसके दूसरी तरफ सिर को झुकाएं। जलनेति के बर्तन से नाक के छिद्र में धीरे धीरे पानी डालना शुरु करें। इस प्रक्रिया को करते समय मुंह को खोलें रहें। ज्यादा लंबी सांस न लें ताकि पानी नाक के दूसरे छिद्र से निकलता रहे। अब इसी प्रक्रिया को दूसरे नाक के छिद्र से भी करें और ऊपर बताई गई प्रक्रिया को दोहराएं। दोनों छेद से ये क्रिया करने के बाद सीधा खड़े हो जाएं। आगे बताए गये योग के अभ्यास को करने से नाक के अंदर का बचा हुआ पानी और म्यूकस और बैक्टीरिया बाहर आ जाएगा।

क्रिया के बाद योग अभ्यास
सबसे पहले तो जलनेति की प्रक्रिया किसी विशेषज्ञ की देखरेख में ही करनी चाहिए और उसके द्वारा बताए गए निर्देशों का ही पालन करना चाहिए। जलनेति की क्रिया के बाद कपालभाति प्राणायाम करना चाहिए। इस प्राणायाम को करने से नाक का सारा पानी बाहर आ जाता है।

जलनेति को अपनाने के फायदे
जलनेति क्रिया को करने से केवल नाक बंद होने की समस्या से छुटकारा नहीं मिलता बल्कि आंखों में पानी आना और आंखों में जलन की समस्या से भी राहत मिलती है। इस क्रिया को करने से और भी बहुत सारे लाभ हैं जैसे सिरदर्द, अनिद्रा, सुस्ती और बालों के झड़ना। जलनेति करने से बहुत सारे लोगों का कहना है कि उनके गुस्से को नियंत्रण रखने में भी मदद मिलती है।

जलनेति प्रक्रिया को करते समय सावधानी
जलनेति के बाद इस बात का ख्याल जरुर रखें की नाक से सारा पानी निकल गया हो क्योंकि अगर नाक में पानी बचा रह जायेगा तो इससे सर्दी होने का खतरा बना रहेगा। पानी के ठीक से बाहर नही निकलने से बुखार आ जाता है और शरीर में संक्रमण हो जाता है। जलनेति के बाद नाक के पानी को निकालने के लिए एक छेद को बंद करके दूसरे छेद से और दूसरे छेद को बंद करके पहले वाले छेद से हवा को बाहर निकालें।

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